राष्ट्रीय सोवा रिग्पा अनुसंधान संस्थान, लेह केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद्, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन 1976 में स्थापित किया गया । यह आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एकमात्र संस्थान है। यह संस्थान अपनी स्थापना के पश्चात ही सोवा रिग्पा पद्धति में अनुसंधान एवं विकास के लिए निष्ठा से कार्य कर रहा है।
वर्तमान में संस्थान में दो भवन है एवं संस्थान में दस हेक्टर भूमि पर हर्बल उद्यान परियोजना तथा छ: स्थायी कर्मचारी कार्यरत है।
अधिदेश
सोवा रिग्पा पर आधारित अनुसंधान
संस्थान की गतिविधियां:
बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) के माध्यम से स्वास्थ्य रक्षा सेवाएं
आदिवासी स्वास्थ्य रक्षा अनुसंधान
चकित्सा पजातीय वानस्पतिक सर्वेक्षण
औषधीय पादप की कृषिकरण
साहित्यिक अनुसंधान एवं प्रलेखीकरण
संस्थान की कुछ मुख्य गतिविधि/परियोजना नियमानुसार है:
सोवा रिग्पा पांडुलिपि का सर्वेक्षण, सूचीबद्ध, डिजिटलाइज्ड वस्तुसूची के लिए परियोजना।
‘‘लेह, खालसी एवं लेह जिले के सस्पोल ब्लॉक्स में उपयुक्त विकास की रक्षा हेतु स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा का पुनरोद्धार’’ पर प्रतिवेदन तथा ‘‘लेह जिले के नुबरा, डुरबुक एवं योमा ब्लॉक्स में उपयुक्त विकास की रक्षा हेतु स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा का पुनरोद्धार’’ पर परियोजना प्रतिवेदन।
शास्त्रीय सोवा रिग्पा सूत्रीकरण का संकलन एवं प्रलेखन।
सोवा रिग्पा एवं आयुर्वेद के समान उपयोगी औषधीय पादप का चित्रमय मार्गदर्शक
ट्रांस हिमालयन औषधीय पादप उदद्यान परियोजना
सर्द रेग्स्तिान औषधीय पादप की कृषिकरण एवं संरक्षण पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला
बाह्य रोगी विभाग
वार्षिक एक्शन प्लान 2014-15 के अधीन आदिवासी स्वास्थ्य रक्षा अनुसंधान परियोजना (सम्मिलित जम्मु एवं कश्मीर राज्य)
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डॉ. पी. गुर्मीत
प्रभारी अनुसंधान अधिकारी
राष्ट्रीय सोवा रिग्पा अनुसंधान संस्थान, लेह
पुराना लेह रोड, लेह-194101
मोबाइल: 07298604808
दूरभाग: 01982-252449, फैक्स : 251448
ई-मेल: nrisr-leh@gov.in